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महाराष्ट्र सरकार ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कसी नकेल, निर्वासन प्रक्रिया होगी तेज: सीएम फडणवीस


(फाइल फोटो)

नागपुर/ मुंबई: दिनेश मीरचंदानी 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ऐसे नागरिकों की पहचान कर धरपकड़ तेज की जाएगी और उन्हें जल्द ही उनके देश वापस भेजा जाएगा। नागपुर में रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से अंजाम देने के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।

फडणवीस ने स्पष्ट किया, "मुंबई समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। राज्य सरकार इस मसले पर पूरी तरह सख्त है और उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।"

धार्मिक स्थलों पर नियंत्रण को लेकर बड़ा बयान

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को सरकारी नियंत्रण में लेने की मांग पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, "विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने यह मांग उठाई थी कि सिर्फ हिंदू मंदिर ही नहीं, बल्कि अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों को भी सरकारी प्रबंधन के तहत लाया जाए। यह जनता की मांग है और सरकार इस पर गहन अध्ययन के बाद उचित कदम उठाएगी।"

'भारत जोड़ो यात्रा' पर नक्सल संगठनों के समर्थन का आरोप

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस अभियान को नक्सलवाद से जुड़े कुछ प्रतिबंधित संगठनों का समर्थन प्राप्त था। विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान फडणवीस ने दावा किया कि ऐसे संगठनों के खिलाफ यूएपीए और अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जा चुकी है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने मुख्यमंत्री से इन संगठनों के नाम सार्वजनिक करने की मांग की थी, जिस पर फडणवीस ने कहा कि इन संगठनों की पहचान पहले ही स्पष्ट हो चुकी है और कार्रवाई जारी है।

विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक पर चर्चा को तैयार सरकार

राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक, 2024 को लेकर हो रहे विरोध पर फडणवीस ने कहा कि इस कानून का मसौदा माओवादी प्रभावित राज्यों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। विधेयक को फिलहाल दोनों सदनों की 21 सदस्यीय संयुक्त चयन समिति (जेएससी) को भेजा गया है ताकि आपत्ति जताने वाले संगठनों को अपनी बात रखने का अवसर मिले।

फडणवीस ने कहा, "यह विधेयक कानून व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए आवश्यक है। हम सुनिश्चित करेंगे कि इसे पारित करने से पहले सभी संबंधित पक्षों से चर्चा की जाए।"

अवैध प्रवासियों और सुरक्षा पर सरकार सख्त

राज्य सरकार के ये कदम स्पष्ट संकेत देते हैं कि महाराष्ट्र में अवैध प्रवासियों और कानून व्यवस्था से संबंधित मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि राज्य की सुरक्षा और जनता के हितों की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

निष्कर्ष:

महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई, धार्मिक स्थलों के नियंत्रण और विशेष सुरक्षा विधेयक पर सरकार का रुख यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे। जनता की मांग और प्रशासनिक तैयारियों के साथ सरकार के ये फैसले राज्य में एक बड़े बदलाव की शुरुआत का संकेत दे रहे हैं।









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