मुंबई: दिनेश मीरचंदानी
गणतंत्र दिवस के अवसर पर धारावी में आयोजित एक भव्य समारोह में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के वरिष्ठ अधिकारी समीर वानखेडे ने तिरंगा फहराया और नागरिकों को देशभक्ति, एकता और सामाजिक सुधार का संदेश दिया। इस कार्यक्रम में स्थानीय नागरिकों, युवाओं और बच्चों की बड़ी संख्या में उपस्थिति ने इसे खास बना दिया।
ध्वजारोहण के बाद समीर वानखेडे ने अपने प्रेरणादायक भाषण से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा, "गणतंत्र दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारा देश एकता, अखंडता और स्वतंत्रता जैसे महान मूल्यों पर आधारित है। धारावी के इन प्रतिभाशाली बच्चों के साथ तिरंगा फहराना मेरे लिए गर्व और प्रेरणा का पल है, क्योंकि ये बच्चे भारत के उज्ज्वल भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।"
नशा मुक्ति पर दिया विशेष जोर
अपने संबोधन में समीर वानखेडे ने नशा मुक्त भारत के निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "नशा मुक्ति केवल नशीले पदार्थों से छुटकारा पाने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने, सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने और एक सशक्त भविष्य के निर्माण का प्रयास है। हमें मिलकर ऐसा राष्ट्र बनाना है, जहाँ हर व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता के साथ जीवन जी सके।"
उन्होंने बच्चों और युवाओं से विशेष अपील की कि वे नशे से दूर रहकर अपने जीवन को देश सेवा और विकास के लिए समर्पित करें। वानखेडे ने कहा, "हमारा गणतंत्र उन सपनों और प्रयासों की नींव पर खड़ा है, जो हमारे पूर्वजों ने किए थे। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस विरासत को नई ऊंचाइयों तक ले जाएँ।"
समाज सुधार के लिए संकल्प
कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित लोगों ने नशा मुक्त समाज बनाने का संकल्प लिया। समीर वानखेडे ने सभी से एकजुट होकर समाज सुधार में योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त भारत का सपना तभी साकार होगा, जब हर नागरिक जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ इस मिशन में हिस्सा लेगा।
धारावी के बच्चों ने बढ़ाया उत्साह
कार्यक्रम में धारावी के बच्चों ने देशभक्ति गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। वानखेडे ने इन बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए कहा, "इनकी ऊर्जा और प्रतिभा देखकर यह विश्वास होता है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है।"
नशा मुक्त भारत का आह्वान
समारोह का अंत राष्ट्रगान और "नशा मुक्त भारत" के नारे के साथ हुआ। इस कार्यक्रम ने न केवल गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए एक प्रेरणा भी दी। वानखेडे का संदेश अब पूरे देश में एक नई उम्मीद और जागरूकता की लहर पैदा कर रहा है।
यह समारोह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का प्रतीक बन गया है।
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