उल्हासनगर: दिनेश मीरचंदानी
उल्हासनगर महानगर पालिका में एक बड़े भूमि घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें तत्कालीन आयुक्त अजीज शेख और सह-संचालक नगर रचनाकार ललित खोब्रागडे की संलिप्तता सामने आई है। इस टीडीआर (ट्रांसफरबल डेवलपमेंट राइट्स) घोटाले की रकम 100 करोड़ से भी अधिक आंकी जा रही है। प्रहार जनशक्ति पार्टी के ठाणे ज़िला अध्यक्ष एडवोकेट स्वप्निल पाटिल और राष्ट्र कल्याण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेश तिवारी ने सबसे पहले इस घोटाले पर आपत्ति जताई और जांच की मांग उठाई थी।
भूमाफियाओं ने लगाए प्रत्यारोप, लेकिन संघर्ष जारी रहा
जब इस घोटाले की जांच की मांग उठी, तो कुछ भू-माफियाओं ने प्रहार जनशक्ति पार्टी और राष्ट्र कल्याण पार्टी के पदाधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप में मामले दर्ज करवाए। इसके बावजूद दोनों पार्टियों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखी और लगातार शासन से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
शासन ने घोटाले को किया स्वीकार, सख्त कार्रवाई के निर्देश
लगातार दबाव के बाद, अंततः दिनांक 04 मार्च 2025 को महाराष्ट्र सरकार ने इस टीडीआर घोटाले को स्वीकार करते हुए इसकी जांच के आदेश जारी किए। संचालक नगर रचनाकार, महाराष्ट्र की रिपोर्ट के आधार पर, पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश उल्हासनगर महानगर पालिका के आयुक्त को दिए गए हैं।
टीडीआर, डीआरसी, आरसीसी और स्थगन से जुड़े सभी निर्माण कार्य किए गए स्थगित
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए, महाराष्ट्र शासन ने एक और बड़ा फैसला लिया है। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि टीडीआर, डीआरसी (डेवलपमेंट राइट्स सर्टिफिकेट), आरसीसी (रेगुलराइजेशन ऑफ अनअथराइज़्ड कंस्ट्रक्शन) और स्थगन (स्टे) से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए, जिनमें इन प्रक्रियाओं का अवैध रूप से उपयोग हुआ था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की उम्मीद
इस घोटाले की जांच के आदेश के बाद, उल्हासनगर के नागरिकों को उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और इस भ्रष्टाचार का पूरा पर्दाफाश किया जाएगा। राज्य सरकार के इस आदेश के बाद अब देखना होगा कि जांच किस दिशा में जाती है और इसमें कौन-कौन से नए खुलासे होते हैं।
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